यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध


नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संस्था है जो 1949 में स्थापित हुई थी। इसका उद्देश्य सदस्य देश के बीच सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना होता है। नाटो के सदस्य देश समर्थन देते हैं कि अगर कोई सदस्य देश पर हमला हो जाता है तो उसका साथ उनका सहयोग करेंगे।

यूक्रेन ने 2008 में नाटो के साथ समझौता किया था कि वह समर्थन प्राप्त कर सकती है । उसके बाद यूक्रेन में 2014 के क्रीमिया संकट और रूस के साथ होने वाले तनाव के बाद, यूक्रेन ने अपनी सुरक्षा को और भी महत्तवपूर्ण बनाने के लिए नाटो के साथ अधिक समर्थन प्राप्त करने की कोशिश की।

नाटो ने यूक्रेन को समर्थन दिया, लेकिन सैद्धांतिक रूप से यूक्रेन को पूर्ण सदस्यता नहीं दी गई थी। इस्के बावजूद, नाटो और यूक्रेन के बीच सुरक्षा और सहयोग के क्षेत्र में तालमेल बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन के लिए नाटो एक सुरक्षा योजना के रूप में देखा जाता है, जो उसकी सामान्य सुरक्षा को सुधारने में मदद कर सकती है।

ये जंग (2021 तक) यूक्रेन और रूस के बीच चल रही है, और इसका मुख्य कारण भू-राजनीतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारकों का मिश्रण है। नीचे कुछ मुख्य करण दिए गए हैं:

1. Krym Annexion (2014): रूस ने क्रीमिया को 2014 में अपने साथ जोड़ लिया था, जो यूक्रेन का हिसा था। ये कदम बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का कारण बना, और इसने यूक्रेन और रूस के बीच संबंध को और भी टेंशन में डाल दिया।

2. Donbass Region: यूक्रेन के पूर्वी हिससे में डोनेट्स्क और लुहान्स्क जैसे क्षेत्रों में अलगाववादी आंदोलन हैं, जिन्हे रूस के सहयोग से शुरू किया गया था। यूक्रेन सरकार का दावा है कि रूस अलगाववादी समूहों को समर्थन दे रहा है।

3. Linguistic aur Cultural Divide: यूक्रेन में रूसी भाषी लोग भी हैं, और इसमें भाषाई और सांस्कृतिक विभाजन है। इस विभाजन को इस्तमाल करके, रूस ने यूक्रेन के अंदर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश की है।

4. Energy Resources:  यूक्रेन यूरोप के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा पारगमन मार्ग है, और इसके बिना रूस यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति नहीं दे सकता। ऊर्जा संसाधनों का नियंत्रण भी संघर्ष का एक कारण है।

5. Geopolitics: यूक्रेन की भू-राजनीतिक स्थिति भी महत्वपूर्ण है। ये रूस के पास एक रणनीतिक स्थिति रखता है, और इसका नियंत्रण उनके क्षेत्रीय प्रभुत्व को बढ़ाता है। साथ ही, यूक्रेन ने भी पश्चिम (यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका) के साथ आने की कोशिश की है, जो रूस को असहज महसूस कराता है।

6. Historical Legacy: यूक्रेन और रूस के बीच का इतिहास संबंध भी संघर्ष को प्रभावित करता है। सोवियत संघ के समय में दोनों देश एक ही राष्ट्र के थे, लेकिन उसके बाद भी उनके बीच में समृद्ध सांस्कृतिक और सामाजिक बंधन रहे हैं।

7. International Involvement: क्या संघर्ष में कोई अंतरराष्ट्रीय देश भी शामिल है। पश्चिमी देश (यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका) यूक्रेन के साथ खड़े हुए हैं, जबकी रूस का समर्थन उसके पारंपरिक सहयोगी जैसे बेलारूस और ईरान से मिल रहा है।

ये कुछ मुख्य कारण है, लेकिन समस्या इतनी गंभीर और जटिल है कि इसका एक ही कारण नहीं होता। इस जंग के चलते, लोगों की जान गवा रही है और इसका प्रभाव क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्टार पर भी हो रहा है।

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